KIIT Student Snehadeep Kumar Becomes Youngest Participant at UK National Astronomy Meeting KIIT is the only institute in the world to produce undergraduate delegate in NAM history
KIIT Student Snehadeep Kumar Becomes Youngest Participant at UK National Astronomy Meeting KIIT is the only institute in the world to produce undergraduate delegate in NAM history
KIIT Student Snehadeep Kumar Becomes Youngest Participant at UK National Astronomy Meeting
KIIT is the only institute in the world to produce undergraduate delegate in NAM history
Bhubaneswar: Snehadeep Kumar, a 2nd year Electronics and Electrical student of KIIT-DU, remained the cynosure of all eyes at the prestigious National Astronomy Meeting (NAM) 2023 held in the UK last week.Snehadeep garnered admiration as he became not only the youngest to present a poster at the meeting but also the only undergraduate student at the event, surprising the President of the Royal Astronomical Society (RAS) Dr Mike Edmunds and several other scientists. The meeting was held at Cardiff University, Wales, UK from July 3 to 7.KIIT, as a matter of fact, became the only institute in the world to produce an undergraduate delegate in NAM history, as said by the RAS Council Members.Representing KIIT-DU, Snehadeep presented a poster on “Saha’s theory of thermal ionization in star formation”. KIIT became the only Indian university ever to present a talk or a poster at NAM, where only 176 research posters from around the world were selected. Such an opportunity is usually given to post-doctorate researchers and scientific professionals.The National Astronomy Meeting is the Royal Astronomical Society’s annual scientific conference of astronomers and functions as the primary annual meeting of the Royal Astronomical Society. It is one of the biggest astronomical conferences in the world, with about 600 delegates attending each year.Apart from Dr Edmunds, Snehadeep had an opportunity to meet and interact with some of the brightest minds in astrophysics such as Nobel laureate Dr James Peebles and Dr John Peacock.Snehadeep expressed his deepest gratitude to KIIT for supporting him throughout the journey that could only have remained a dream without the University’s support. Congratulating Snehadeep, Dr. Achyuta Samanta, Founder, KIIT & KISS wished his bright future.Earlier, he participated in various conferences across the globe, such as the International Astronomical Congress 2023 in Baku, Azerbaijan. He will also participate in the NAM 2024 which will be held at Hull, England next year.
इंग्लैंड नेशनल एस्ट्रोनॉमी बैठक में शामिल हुए कीट के छात्र स्नेहदीप
कीट सबसे कम उम्र का प्रतिनिधि भेजने वाला दुनिया की पहली संस्था बनी
भुवनेश्वर, 14जुलाई: इंग्लैंड की राष्ट्रीय खगोलीय बैठक में सभी की निगाहें एक किशोर पर टिकी रहीं क्योंकि उस बैठक में बाकि लोग लगभग अनुभवी और उम्रदराज़ थे। उस मौके पर एक छात्र ने अपना परिचय दिया, "मैं स्नेहदीप हूं, कीट डीम्ड विश्वविद्यालय का छात्र।" पूरा सम्मेलन कक्ष तालियों से गूंज उठा। 3 से 7 जुलाई तक इंग्लैंड के कार्डिफ़ विश्वविद्यालय में रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी के अध्यक्ष डॉ. माइक एडमंड्स और अन्य वैज्ञानिकों को स्नेह दीप ने चौंका दिया। स्नेहदीप बैठक में भाग लेनेवाला प्रथम युवा वैज्ञानिक सिद्ध हुआ। पिछले सप्ताह, कीट के छात्र स्नेहदीप ने इंग्लैंड में प्रतिष्ठित खगोल विज्ञान बैठक में भाग लेने वाले भारत के एकमात्र युवा वैज्ञानिक के रूप में भारत की प्रतिष्ठा में चार चांद लगा दिया। इतना ही नहीं, कीट को इंग्लिश नेशनल एस्ट्रोनॉमी मीटिंग में युवा प्रतिनिधि भेजने वाला दुनिया का एकमात्र संस्थान होने का गौरव भी बढ़ा दिया । कीट यूनिवर्सिटी का प्रतिनिधित्व कर रहे स्नेहदीप ने बैठक में 'शाह की थ्योरी ऑफ थर्मल आयोनाइजेशन इन स्टार फॉर्मेशन' पर एक पोस्टर प्रस्तुत किया जबकि इस सम्मेलन के लिए दुनिया भर से 176 शोध पोस्टरों का चयन किया गया थि, सच तो यह भी है कि कीट सम्मेलन में पोस्टर प्रस्तुत करने वाला एकमात्र भारतीय विश्वविद्यालय रहा। विशेष रूप से, ऐसे अवसर आमतौर पर पोस्ट-डॉक्टरल शोधकर्ताओं और वैज्ञानिक पेशेवरों के लिए उपलब्ध होते हैं। इंग्लैंड की राष्ट्रीय खगोलीय बैठक रॉयल एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी का वार्षिक वैज्ञानिक सम्मेलन है। यह दुनिया के सबसे बड़े खगोल विज्ञान सम्मेलनों में से एक है। इस आयोजन में हर साल दुनिया भर से लगभग 600 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होते हैं।
बैठक में स्नेहदीप को डाॅ. एडमंड्स के अलावा, नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. जेम्स पीबल्स और डॉ. उन्हें जॉन पीकॉक जैसे विश्व के कई प्रसिद्ध खगोलशास्त्रियों से चर्चा करने का अवसर मिला। स्नेहदीप ने ऐसा अवसर प्रदान करने के लिए कीट यूनिवर्सिटी और इसके संस्थापक अच्युत सामंथा को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, कीट विश्वविद्यालय के समर्थन और प्रो अच्युत सामंत के प्रोत्साहन के बिना, मेरा सपना सच नहीं हो सकता था। वहीं प्रो अच्युत सामंत ने स्नेहदीप को बधाई देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना की। इससे पहले, स्नेहदीप ने कई अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान सम्मेलनों जैसे बाकू, अज़रबैजान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान कांग्रेस 2023 में भाग लिया है।
ଗତ ସପ୍ତାହରେ ଇଂଲଣ୍ଡର ସମ୍ମାନଜନକ ଜ୍ୟୋତିର୍ବିଜ୍ଞାନ ବୈଠକରେ ଭାରତରୁ ଏକ ମାତ୍ର କିଶୋର ବୈଜ୍ଞାନିକ ଭାବେ କିଟ୍ ଛାତ୍ର ସ୍ନେହାଦୀପ ଯୋଗଦେଇ ଭାରତର ସମ୍ମାନ ବୃଦ୍ଧି କରିଛନ୍ତି। କେବଳ ସେତିକି ନୁହେଁ, ଜଣେ କିଶୋର ପ୍ରତିନିଧିଙ୍କୁ ଇଂଲଣ୍ଡ ରାଷ୍ଟ୍ରୀୟ ଜ୍ୟୋତିର୍ବିଜ୍ଞାନ ବୈଠକକୁ ପଠାଇବାରେ କିଟ୍ ବିଶ୍ୱର ଏକମାତ୍ର ଅନୁଷ୍ଠାନ ହେବାର ଗୌରବ ଅର୍ଜନ କରିଥିବା ରୟାଲ ଆଷ୍ଟ୍ରୋନମିକାଲ ସୋସାଇଟିର ସଦସ୍ୟମାନେ ପ୍ରକାଶ କରିଥିଲେ।
କିଟ୍ ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟର ପ୍ରତିନିଧିତ୍ୱ କରି ସ୍ନେହାଦୀପ ବୈଠକରେ ‘ସାହାଙ୍କ ଥିଓରୀ ଅଫ୍ ଥର୍ମାଲ୍ ଆୟୋନାଇଜେସନ୍ ଇନ୍ ଷ୍ଟାର୍ ଫର୍ମେସନ୍’ ଉପରେ ଏକ ପୋଷ୍ଟର ଉପସ୍ଥାପନା କରିଥିଲେ। ଏହି ବୈଠକରେ ସମଗ୍ର ବିଶ୍ୱରୁ ୧୭୬ଟି ଗବେଷଣାତ୍ମକ ପୋଷ୍ଟର ମନୋନୀତ ହୋଇଥିବା ବେଳେ ବୈଠକରେ ପୋଷ୍ଟର ଉପସ୍ଥାପନ କରିବାରେ କିଟ୍ ହେଉଛି ଏକମାତ୍ର ଭାରତୀୟ ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟ। ସୂଚନାଯୋଗ୍ୟ, ଏଭଳି ସୁଯୋଗ ସାଧାରଣତଃ ପୋଷ୍ଟ ଡକ୍ଟୋରେଟ୍ ଗବେଷକ ଏବଂ ସାଇଣ୍ଟିଫିକ୍ ପ୍ରଫେସନାଲ୍ମାନଙ୍କୁ ମିଳିଥାଏ।
ଇଂଲଣ୍ଡର ରାଷ୍ଟ୍ରୀୟ ଜ୍ୟୋତିର୍ବିଜ୍ଞାନ ବୈଠକ ହେଉଛି ରୟାଲ ଆଷ୍ଟ୍ରୋନମିକାଲ ସୋସାଇଟିର ବାର୍ଷିକ ବୈଜ୍ଞାନିକ ସମ୍ମିଳନୀ। ଏହା ବିଶ୍ୱର ସର୍ବବୃହତ ଜ୍ୟୋତିର୍ବିଜ୍ଞାନ ସମ୍ମଳନୀ ମଧ୍ୟରୁ ଅନ୍ୟତମ। ଏଥିରେ ପ୍ରତିବର୍ଷ ସମଗ୍ର ବିଶ୍ୱରୁ ୬ଶହରୁ ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱ ପ୍ରତିନିଧି ଯୋଗ ଦେଇଥାନ୍ତି।
ବୈଠକରେ ସ୍ନେହାଦୀପ ଡ. ଏଡମଣ୍ଡସଙ୍କ ବ୍ୟତୀତ ନୋବେଲ ବିଜେତା ଡ. ଜେମ୍ସ ପିବଲ୍ସ ଓ ଡ. ଜନ ପିକକ୍ଙ୍କ ଭଳି ବିଶ୍ୱର ଅନେକ ପ୍ରତିଷ୍ଠିତ ଜ୍ୟୋତିର୍ବଜ୍ଞାନୀଙ୍କ ସହ ଆଲୋଚନା କରିବାର ସୁଯୋଗ ପାଇଥିଲେ। ଏଭଳି ସୁଯୋଗ ଦେଇଥିବାରୁ ସ୍ନେହାଦୀପ କିଟ୍ ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟ ଓ ଏହାର ପ୍ରତିଷ୍ଠାତା ଅଚ୍ୟୁତ ସାମନ୍ତଙ୍କ ନିକଟରେ କୃତଜ୍ଞତା ଜଣାଇଛନ୍ତି। ସେ କହିଛନ୍ତି, କିଟ୍ ବିଶ୍ୱବିଦ୍ୟାଳୟର ସହଯୋଗ ଓ ଶ୍ରୀ ସାମନ୍ତଙ୍କ ପ୍ରୋତ୍ସାହନ ନ ଥିଲେ ମୋର ଏହି ସ୍ୱପ୍ନ ସାକାର ହୋଇପାରି ନ ଥାନ୍ତା। ଅପରପକ୍ଷରେ ଶ୍ରୀ ସାମନ୍ତ ସ୍ନୋହାଦୀପଙ୍କୁ ଶୁଭେଚ୍ଛା ଜଣାଇବା ସହ ତାଙ୍କର ଉଜ୍ଜ୍ୱଳ ଭବିଷ୍ୟତ କାମନା କରିଛନ୍ତି। ଏହା ପୂର୍ବରୁ ସ୍ନେହାଦୀପ ଆଜରବାଇଜାନର ବାକୁରେ ଅନୁଷ୍ଠିତ ଅନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ଜ୍ୟୋତିର୍ବିଜ୍ଞାନ କଂଗ୍ରେସ ୨୦୨୩ ଭଳି ଅନେକ ଅନ୍ତର୍ଜାତୀୟ ଜ୍ୟୋତିର୍ବିଜ୍ଞାନ ସମ୍ମିଳନୀରେ ଅଂଶଗ୍ରହଣ କରିଛନ୍ତି।