Indian Railways Bridging faith and the Sangam spirit : Ommtv
Indian Railways Bridging faith and the Sangam spirit : Ommtv
Indian Railways Bridging faith and the Sangam spirit : Ommtv
With the announcement of Maha Kumbh 2025, Indian Railways, in collaboration with Central and State Governments, has embarked on a mission to manage an unprecedented influx of visitors. Over 13,000 trains, including 3,134 special services, will operate during the event, alongside significant infrastructural developments aimed at enhancing capacity, comfort and safety.
Inspection of Entire Project
Indian Railways strengthens infrastructure with a massive blueprint for Kumbh, invests Rs 933.62 crore. Additionally, Rs 494.90 crore spent on enhancing passenger amenities and Rs 438.72 crore on building road over bridges and road under bridges for smooth transportation. A new bridge over the Ganga River has also been constructed. Hon'ble Union Railway Minister Shri Ashwini Vaishnaw personally monitored the project and provided necessary guidance from time to time.
Special Rail Operations
Indian Railways' operational plan includes over 13,000 trains, with 3,134 designated as special services to handle the surge in passenger traffic. These services cater to both short and long-distance travelers, ensuring a safe and comfortable journey for all.
Passenger Amenities for Smooth Transit
Enhanced passenger services, including upgraded ticketing counters, inquiry booths, and digital information systems, will allow visitors to access accurate and timely information. These efforts aim to make the pilgrimage not only smooth but also a pleasant travel experience.
Inspection of Entire Project
Indian Railways is set to dedicate six major Rail infrastructure projects to the Nation. These projects aim to boost connectivity to Uttar Pradesh, streamline the transportation process, and enhance accessibility for pilgrims across India. These developments align with the larger vision of transforming the Railway network into a modern, efficient, and passenger-friendly system.The preparations undertaken by Indian Railways for Maha Kumbh 2025 are not just about managing numbers but about creating an experience that reflects the festival's grandeur. From infrastructure enhancements and safety provisions to modern amenities and cultural enrichment, Indian Railways has set a benchmark in organising an event of this magnitude. Maha Kumbh 2025 is poised to be a historic confluence of faith, culture, and progress, making it a truly remarkable event for the nation and the world.
Laying the Groundwork with Infrastructural Development
To accommodate the massive influx of pilgrims, Indian Railways has implemented significant upgrades across major stations in the Prayagraj region. Key stations, including Prayagraj Junction, Naini, Jhunsi and Phaphamau, have undergone enhancements such as the construction of additional platforms, passenger shelters and waiting rooms.
21 New ROBs and RUBs
To ensure smooth road and Rail connectivity, 21 new Road Over Bridges (ROBs) and Road Under Bridges (RUBs) have been constructed. Additionally, an integrated fair control tower has been established to bolster communication and emergency management. This comprehensive infrastructure overhaul underscores Indian Railways' commitment to safety and efficiency during the Maha Kumbh Mela
Ensuring Robust Safety and Health Provisions
Recognising the importance of safety and health, Indian Railways has deployed advanced measures at key locations. Additional CCTV cameras have been installed for enhanced surveillance, while scouts and civil defence personnel will manage crowd control. First-aid booths, ambulances, and medical teams have been stationed to promptly address emergencies. These initiatives aim to create a secure and worry-free environment for all visitors.
Activities Rooted in Cultural Enrichment and Spiritual Activities
The Maha Kumbh Mela 2025 experience extends beyond religious rituals, offering a vibrant celebration of India's cultural heritage, spirituality, and collective unity. This grand festival symbolises a harmonious blend of tradition and modernity, with Indian Railways at the forefront, ensuring that the journey to this sacred event is as fulfilling as the event itself. Devotees can look forward to a well-organised pilgrimage, replete with cultural performances, spiritual gatherings, and other enriching activities.
कुम्भ मेले की ओर आस्था की रेल
महाकुम्भ-यानि धरती पर आस्था के सबसे बड़े संगम को सफल बनाना और तीर्थयात्रियों की सेवा करना भारतीय रेल की पुरानी परंपरा है। इसी परंपरा को एकबार फिर चरितार्थ करते हुए अपने हजारों कर्मयोगियों के साथ भारतीय रेल जुटा हुआ है। भारतीय रेल ने 2 वर्षों में करीब 5000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर कुंभ की तैयारियों को और पुख्ता बनाने की कोशिश की है।
प्लेटफॉर्म और कई नए निर्माण
महाकुम्भ के दौरान जिले के सभी स्टेशनों (प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी, प्रयागराज छिवकी, प्रयाग जंक्शन, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग, प्रयागराज संगम और झूसी) पर यात्रियों की बड़ी तादात होगी। जिन्हें संभालने के लिए स्टेशनों पर नए प्लेटफॉर्म और प्रयागराज रुट में नई रेल लाइनें भी बिछाई जा रही है। यात्री शेल्टर और वेटिंग रुम का निर्माण किया गया है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। सभी शेल्टर में शौचालय, खानपान स्टॉल, उद्घोषणा और पूछताछ डिस्प्ले आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं से सपंत्र हैं। इसके साथ ही लगेज ट्रॉली बुकिंग, व्हील चेयर सेवा, टैक्सी और होटल बुकिंग आदि जैसी आवश्यकताओं में यात्रियों की सहायता के लिए स्टेशनों पर 'May I Help You' बूथ भी खोले जा रहे हैं।
पूरे प्रोजेक्ट की हो रही निगरानी
कुम्भ के लिए एक वृहत ब्लू प्रिंट बनाते हुए भारतीय रेल ने 933.62 करोड़ की लागत से बुनियादी ढांचों को मजबूत किया। इसके साथ ही 494.90 करोड़ की लागत से यात्री सुविधाओं में वृद्धि की गई और 438.72 करोड़ की लागत से आवागमन सुलभ बनाने के लिए ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया। साथ ही गंगा पर नए पुल का भी निर्माण किया गया है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने खुद पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी की और समय समय पर जरुरी दिशा निर्देश दिए।
यात्री सेवा में 13 हजार ट्रेनें
महाकुम्भ के दौरान करोड़ों यात्रियों के सफर के लिए भारतीय रेल 13,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन करेगी, जिनमें 3,134 विशेष गाड़ियां शामिल हैं। ये गाड़ियां यात्रियों की जन सैलाब को संभालने और उनकी यात्रा को सुगम बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी। साथ ही शॉर्ट तथा लॉन्ग डिस्टेन्स मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी, ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम और सुरक्षित हो सके। इसके अतिरिक्त यात्रियों की सुविधा के लिए टिकटिंग काउंटर, पूछताछ बूथ और डिजिटल सूचना प्रणाली को भी हाइटेक किया गया है।
हर दिन मिल सकेंगे लाखों टिकट
सभी स्टेशनों के साथ-साथ मेला क्षेत्र में अनरिजर्व टिकटिंग सिस्टम (UTS), स्वचालित टिकट वैडिंग मशीन (ATVM) सहित कुल 542 टिकटिंग पॉइंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इनमें प्रयागराज जंक्शन पर ही 132 काउंटर बनाने की योजना बनाई गई है। ये सभी काउंटर प्रतिदिन लगभग 9,76,000 टिकट प्रदान कर सकते हैं। इस प्रकार प्रति टिकट दो यात्रियों के हिसाब से प्रतिदिन लगभग 19,52,000 यात्रियों को यात्र टिकट उपलब्ध करवाई जा सकती है।
21 नए ROB, RUB बनाए गए
कुम्भ के दौरान जिले में करोड़ों की संख्या में भक्तजनों का आवागमन होगा। इस दौरान किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए 21 नए रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिज का निर्माण किया गया है। इससे लेवल क्रॉसिंग तो खत्म होगी ही साथ ही सड़क और रेल दोनों का सफर और अधिक सुरक्षित होगा।
बहुभाषी सूचना प्रसार
महाकुम्भ के दौरान स्टेशन और मेला क्षेत्र में देश, प्रदेश ही नहीं बल्कि दुनिया भर से भक्तों का जत्था पहुंचता है। जहां उनकी सुविधा के लिए बहुभाषी उद्घोषणा प्रणाली का प्रबंध भी किया गया है। यहां यात्र संबंधी जानकारी घोषणा हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, तमिल, कन्नड़, तेलुगु, मलयालम, बंगाली और उड़िया आदि भाषाओं में की जाएगी।
रेल हेल्पलाइन नंबर और ऐप
तीर्थयात्रियों की सहायता के कॉल सेंटर भी बनाए गए हैं। महाकुम्भ रेलवे हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर-1800-4199-139 पर रेलवे से जुड़ी हर समस्या के समाधान की कोशिश की जाएगी। जहां 24*7 यानि हर रोज 24 घंटे ऑपरेटर मौजूद होंगे। साथ ही ऑनलाइन मदद करने के लिए कुंभ-2025 मोबाइल ऐप विकसित किया जा रहा है।
हर स्थिति से निपटने की तैयारी
कुम्भ मेले की भीड़ कंट्रोल करने के लिए बड़ी संख्या में RPF और RPSF को प्रयागराज में तैनात किया जा रहा है। स्टेशनों पर यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी स्थिति में क्रॉस मूवमेंट की संभावना न हो। आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए स्टेशनों पर प्राथमिक उपचार बूथ और रैपिड एक्शन टीमें भी बनाई जा रही हैं। सभी 9 स्टेशनों का फायर ऑडिट किया गया है। जहां अग्निशामक यंत्र, फायर बॉल, वाटर हाइड्रेट, बाल्टी में पानी/रेत के साथ-साथ फायर टेंडर तैयार रखा गया है। निगरानी के लिए 651 अतिरिक्त CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। इनमें से करीब 100 कैमरों में शरारती तत्वों और असामाजिक तत्वों की पहचान करने के लिए एआई आधारित फेस रिकग्निशन सिस्टम है।
କୁମ୍ଭ ମେଲା ଆଡକୁ ବିଶ୍ୱାସର ଟ୍ରେନ୍ |
ମହାକୁମ୍ଭ - ମାନେ ପୃଥିବୀରେ ଆସ୍ଥାର ସବୁଠୁ ବଡ଼ ସଙ୍ଗମକୁ ସଫଳ ରୂପାନ୍ତର କରିବା ଏବଂ ତୀର୍ଥଯାତ୍ରୀ ମାନଙ୍କୁ ସେବା ପ୍ରଦାନ କରିବା ଭାରତୀୟ ରେଳର ପୁରୁଣା ପରମ୍ପରା ଅଟେ ଏହି ପରମ୍ପରାକୁ ପୁଣି ଥରେ ଚରିତାର୍ଥ କରିବାକୁ ନିଜର ହଜାର ହଜାର କର୍ମଚାରୀମାନଙ୍କ ସହ ଭାରତୀୟ ରେଳ ଜଡିତ ଅଛି | ଭାରତୀୟ ରେଳ 2 ବର୍ଷରେ 5000 କୋଟିରୁ ଅଧିକ ଟଙ୍କା ଖର୍ଚ୍ଚ କରି କୁମ୍ବ ପାଇଁ ପ୍ରସ୍ତୁତିକୁ ମଜବୁତ କରିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କରିଛି |
ପ୍ଲାଟଫର୍ମ ଏବଂ ଅନେକ ନୂତନ ନିର୍ମାଣ |
ମହାକୁମ୍ଭ ସମୟରେ ଜିଲ୍ଲାର ସମସ୍ତ ଷ୍ଟେସନରେ (ପ୍ରୟାଗରାଜ ଜଙ୍କସନ, ସୁବେଦIରଗଞ୍ଜ, ନୈନି, ପ୍ରୟାଗରାଜ ଚିଭ୍କି, ପ୍ରୟାଗ ଜଙ୍କସନ, ଫାଫାମାଉ, ପ୍ରୟାଗରାଜ ରାମବାଗ, ପ୍ରୟାଗରାଜ ସଙ୍ଗମ ଏବଂ ଜୁସି) ବହୁ ସଂଖ୍ୟାରେ ଯାତ୍ରୀ ରହିବେ | ଏହାକୁ ପରିଚାଳନା କରିବା ପାଇଁ ଷ୍ଟେସନରେ ନୂତନ ପ୍ଲାଟଫର୍ମ ସ୍ଥାପନ କରାଯାଉଛି ଏବଂ ପ୍ରୟାଗ ମାର୍ଗରେ ନୂତନ ରେଳ ଲାଇନ ମଧ୍ୟ ରଖାଯାଉଛି | ଯାତ୍ରୀ ଆଶ୍ରୟସ୍ଥଳୀ ଏବଂ ଅପେକ୍ଷା କକ୍ଷ ନିର୍ମାଣ କରାଯାଇଛି ଯାହା ଦ୍ୱାରା ଯାତ୍ରୀମାନେ ଉନ୍ନତ ସୁବିଧା ପାଇପାରିବେ | ସମସ୍ତ ଆଶ୍ରୟସ୍ଥଳୀଗୁଡିକ ଶୌଚାଳୟ, କ୍ୟାଟରିଂ ଷ୍ଟଲ୍, ସର୍ବସାଧାରଣ ଘୋଷଣା ଏବଂ ସୂଚନା ଓ ଅନୁସନ୍ଧାନ ପ୍ରଦର୍ଶନ ଇତ୍ୟାଦି ମୌଳିକ ସୁବିଧା ସହିତ ସଜ୍ଜିତ | ଏହା ସହିତ ଷ୍ଟେସନରେ ଯାତ୍ରୀମାନଙ୍କୁ ସେମାନଙ୍କର ଆବଶ୍ୟକତାରେ ଲଗେଜ୍ ଟ୍ରଲି ବୁକିଂ, ହ୍ୱିଲ ଚେୟାର ସେବା, ଟ୍ୟାକ୍ସି ଏବଂ ହୋଟେଲ ବୁକିଂ ଇତ୍ୟାଦିରେ ସାହାଯ୍ୟ କରିବା ପାଇଁ ଷ୍ଟେସନରେ 'ମେ ଆଇ ହେଲପ୍ ୟୁ' ବୁଥ୍ ମଧ୍ୟ ଖୋଲାଯାଉଛି |
ସମଗ୍ର ପ୍ରକଳ୍ପ ଉପରେ ନଜର ରଖାଯାଉଛି
କୁମ୍ଭ ପାଇଁ ଏକ ବିସ୍ତୃତ ବ୍ଲୁ ପ୍ରିଣ୍ଟ ସୃଷ୍ଟି କରି ଭାରତୀୟ ରେଳ 933.62 କୋଟି ଟଙ୍କା ବ୍ୟୟରେ ଭିତ୍ତିଭୂମିକୁ ମଜବୁତ କରିଥିଲା | ଏହା ସହିତ 494.90 କୋଟି ଟଙ୍କା ବ୍ୟୟରେ ଯାତ୍ରୀ ସୁବିଧା ବୃଦ୍ଧି କରାଯାଇଥିଲା ଏବଂ 438.72 କୋଟି ଟଙ୍କା ବ୍ୟୟରେ ପରିବହନକୁ ସହଜ କରିବା ପାଇଁ ବ୍ରିଜ ଓ ବ୍ରିଜ ଉପରେ ରାସ୍ତା ନିର୍ମାଣ କରାଯାଇଥିଲା | ଏହା ବ୍ୟତୀତ ଗଙ୍ଗା ଉପରେ ଏକ ନୂତନ ସେତୁ ମଧ୍ୟ ନିର୍ମାଣ କରାଯାଇଛି | ମାନ୍ୟବର ପ୍ରଧାନମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ନରେନ୍ଦ୍ର ମୋଦୀ ଏବଂ କେନ୍ଦ୍ର ରେଳମନ୍ତ୍ରୀ ଶ୍ରୀ ଅଶ୍ୱିନୀ ବୈଷ୍ଣବ ବ୍ୟକ୍ତିଗତ ଭାବେ ଏହି ପ୍ରକଳ୍ପର ତଦାରଖ କରିଥିଲେ ଏବଂ ସମୟ ସମୟରେ ଆବଶ୍ୟକ ନିର୍ଦ୍ଦେଶ ଦେଇଥିଲେ |
ଯାତ୍ରୀ ସେବାରେ 13 ହଜାର ଟ୍ରେନ୍ |
ଭାରତୀୟ ରେଳବାଇ ମହା କୁମ୍ବ ସମୟରେ କୋଟି କୋଟି ଯାତ୍ରୀ ପରିବହନ ପାଇଁ 3,134 ଟି ସ୍ୱତନ୍ତ୍ର ଟ୍ରେନ୍ ସମେତ 13,000 ରୁ ଅଧିକ ଟ୍ରେନ୍ ଚଳାଚଳ କରିବ | ଯାତ୍ରୀମାନଙ୍କ ଦ୍ରୁତ ଗତିରେ ନିୟନ୍ତ୍ରଣ କରିବା ଏବଂ ସେମାନଙ୍କର ଯାତ୍ରାକୁ ସହଜ କରିବାରେ ଏହି ଟ୍ରେନ୍ଗୁଡ଼ିକ ଏକ ଗୁରୁତ୍ୱପୂର୍ଣ୍ଣ ଭୂମିକା ଗ୍ରହଣ କରିବ | ଏହା ବ୍ୟତୀତ ସ୍ୱଳ୍ପ ଏବଂ ଦୀର୍ଘ ଦୂରତା ମେଳା ସ୍ୱତନ୍ତ୍ର ଟ୍ରେନ୍ ଚଳାଚଳ କରିବ, ଯାହାଦ୍ୱାରା ଭକ୍ତଙ୍କ ଯାତ୍ରା ସୁଗମ ଏବଂ ନିରାପଦ ହୋଇପାରିବ | ଏହା ବ୍ୟତୀତ ଯାତ୍ରୀମାନଙ୍କ ସୁବିଧା ପାଇଁ ଟିକେଟ୍ କାଉଣ୍ଟର, ଅନୁସନ୍ଧାନ ବୁଥ୍ ଏବଂ ଡିଜିଟାଲ୍ ସୂଚନା ବ୍ୟବସ୍ଥା ମଧ୍ୟ ହାଇ-ଟେକ୍ କରାଯାଇଛି।
ପ୍ରତିଦିନ ଲକ୍ଷ ଲକ୍ଷ ଟିକେଟ୍ ଉପଲବ୍ଧ ହେବ |
ସମସ୍ତ ଷ୍ଟେସନରେ ତଥା ମେଳା ଅଞ୍ଚଳରେ ସଂରକ୍ଷିତ ଟିକେଟ୍ ସିଷ୍ଟମ୍ (UTS), ଅଟୋମେଟିକ୍ ଟିକେଟ୍ ଭେଣ୍ଡିଙ୍ଗ ମେସିନ୍ (ଏଟିଭିଏମ୍) ସହିତ ମୋଟ 542 ଟିକେଟ୍ ପଏଣ୍ଟ ଯୋଗାଇ ଦିଆଯାଉଛି | ସେଥିମଧ୍ୟରୁ କେବଳ ପ୍ରୟାଗରାଜ ଜଙ୍କସନରେ 132 କାଉଣ୍ଟର କରିବାକୁ ଯୋଜନା ପ୍ରସ୍ତୁତ କରାଯାଇଛି | ଏହି ସମସ୍ତ କାଉଣ୍ଟର ପ୍ରତିଦିନ ପ୍ରାୟ 9,76,000 ଟିକେଟ୍ ପ୍ରଦାନ କରିପାରିବ | ଏହିପରି, ପ୍ରତିଦିନ ପ୍ରାୟ 19,52,000 ଯାତ୍ରୀଙ୍କୁ ଟିକେଟ୍ ପ୍ରତି ଦୁଇ ଜଣ ଯାତ୍ରୀ ହାରରେ ଟ୍ରାଭେଲ ଟିକେଟ୍ ଉପଲବ୍ଧ କରାଯାଇପାରିବ |
21 ନୂତନ ROB, RUB ସୃଷ୍ଟି |
କୁମ୍ଭ ସମୟରେ ଜିଲାରେ କୋଟି କୋଟି ଭକ୍ତ ରହିବେ | ଏହି ଅବଧି ମଧ୍ୟରେ କୌଣସି ଅଘଟଣକୁ ଏଡାଇବା ପାଇଁ ବ୍ରିଜ୍ ଉପରେ 21 ଟି ନୂତନ ରାସ୍ତା ଏବଂ ବ୍ରିଜ୍ ତଳେ ରାସ୍ତା ନିର୍ମାଣ କରାଯାଇଛି | ଏହା କେବଳ ବହୁ ସ୍ତରୀୟ କ୍ରସିଂକୁ ଦୂର କରିବ ନାହିଁ ବରଂ ଉଭୟ ସଡକ ଏବଂ ରେଳ ଯାତ୍ରାକୁ ଅଧିକ ସୁରକ୍ଷିତ କରିବ |
ବହୁଭାଷୀ ସୂଚନା ବିସ୍ତାର |
ମହା କୁମ୍ବ ସମୟରେ କେବଳ ଦେଶ, ରାଜ୍ୟ ନୁହେଁ ବରଂ ବିଶ୍ୱର ବିଭିନ୍ନ ସ୍ଥାନରୁ ଭକ୍ତଙ୍କ ଭିଡ଼ ଷ୍ଟେସନ ଏବଂ ମେଳା ଅଞ୍ଚଳରେ ପହଞ୍ଚିଥାଏ | ଯେଉଁଠାରେ ସେମାନଙ୍କ ସୁବିଧା ପାଇଁ ଏକ ବହୁଭାଷୀ ଘୋଷଣା ବ୍ୟବସ୍ଥା ମଧ୍ୟ ବ୍ୟବସ୍ଥା କରାଯାଇଛି | ଏଠାରେ ଯାତ୍ରା ସମ୍ବନ୍ଧୀୟ ସୂଚନା ହିନ୍ଦୀ, ଇଂରାଜୀ, ଗୁଜରାଟୀ, ମରାଠୀ, ତାମିଲ, କନ୍ନଡ, ତେଲୁଗୁ, ମାଲାୟାଲମ୍, ବଙ୍ଗାଳୀ ଏବଂ ଓଡିଆ ଇତ୍ୟାଦି ଭାଷାରେ ଘୋଷଣା କରାଯିବ |
ରେଳ ହେଲ୍ପଲାଇନ ନମ୍ବର ଏବଂ ଆପ୍ |
ତୀର୍ଥଯାତ୍ରୀଙ୍କୁ ସାହାଯ୍ୟ କରିବା ପାଇଁ କଲ ସେଣ୍ଟର ମଧ୍ୟ ସ୍ଥାପନ କରାଯାଇଛି | ମହାକୁମ୍ବ ରେଳବାଇ ହେଲ୍ପଲାଇନ ଟୋଲ ଫ୍ରି ନମ୍ବର -1800-4199-139 ରେ ରେଳ ସହ ଜଡିତ ପ୍ରତ୍ୟେକ ସମସ୍ୟାର ସମାଧାନ ପାଇଁ ପ୍ରୟାସ କରାଯିବ | ଯେଉଁଠାରେ ଅପରେଟରମାନେ 24X7 ଅର୍ଥାତ୍ ପ୍ରତିଦିନ 24 ଘଣ୍ଟା ଉପସ୍ଥିତ ରହିବେ | ଅନ-ଲାଇନରେ ସାହାଯ୍ୟ କରିବା ପାଇଁ କୁମ୍ବ -2025 ମୋବାଇଲ୍ ଆପ୍ ମଧ୍ୟ ବିକଶିତ ହେଉଛି |
ପ୍ରତ୍ୟେକ ପରିସ୍ଥିତିର ମୁକାବିଲା ପାଇଁ ପ୍ରସ୍ତୁତି |
କୁମ୍ବ ମେଳାର ଭିଡ଼କୁ ନିୟନ୍ତ୍ରଣ କରିବା ପାଇଁ ପ୍ରୟାଗରାଜରେ ବହୁ ସଂଖ୍ୟକ ଆରପିଏଫ ଏବଂ ଆରପିଏସଏଫ ନିୟୋଜିତ କରାଯାଉଛି | ଷ୍ଟେସନଗୁଡିକରେ ଏହା ନିଶ୍ଚିତ କରାଯାଇଛି ଯେ କୌଣସି ପରିସ୍ଥିତିରେ କ୍ରସ୍ ଗତି କରିବାର ସମ୍ଭାବନା ନାହିଁ | ଜରୁରୀକାଳୀନ ପରିସ୍ଥିତିର ମୁକାବିଲା ପାଇଁ ଷ୍ଟେସନରେ ପ୍ରାଥମିକ ସହାୟତା ବୁଥ୍ ଏବଂ ରପିଡ଼ ଆକ୍ସନ ଫୋର୍ସ ମଧ୍ୟ ଗଠନ କରାଯାଉଛି | ସମସ୍ତ 9 ଫାୟାର ଷ୍ଟେସନର ଅଡିଟ୍ କରାଯାଇଛି | ଯେଉଁଠାରେ ଅଗ୍ନି ନିର୍ବାପକ ଯନ୍ତ୍ର, ଅଗ୍ନି ବଲ, ୱାଟର ହାଇଡ୍ରେଟ୍, ବାଲ୍ଟିରେ ପାଣି / ବାଲି ଏବଂ ଅଗ୍ନି ନିର୍ବାପକ ସାମଗ୍ରୀ ପ୍ରସ୍ତୁତ ରଖାଯାଏ | ତଦାରଖ ପାଇଁ 651 ଅତିରିକ୍ତ ସିସିଟିଭି କ୍ୟାମେରା ଲଗାଯାଉଛି | ଏହି କ୍ୟାମେରାର ପ୍ରାୟ 100 ଟିରେ AI ଆଧାରିତ ଚେହେରା ଚିହ୍ନିବା ବ୍ୟବସ୍ଥା ଅଛି ଯାହା ଦୁର୍ଭାଗ୍ୟଜନକ ଉପାଦାନ ଏବଂ ସାମାଜିକ ବିରୋଧୀ ଉପାଦାନଗୁଡ଼ିକୁ ଚିହ୍ନଟ କରେ |